रविवार, 8 मार्च 2009

गुरूजी




बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज (१९४८ – १९६०) -

शाह मस्ताना जी का जन्म सन् १८९१ में पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत के कोटरा गाँव में हुआ । इनके पिता का नाम श्री पिल्लामल और माता का नाम तुलसा बाई था। उन्होंने अपने पवित्र कर - कमलो से डेरा सच्चा सौदा की स्थापना सन् १९४८ में सिरसा, हरयाणा में की थी। उन्होंने " धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा" का एक pavitr वाक्य दिया जिसका मतलब है की
हें इश्वर हमारा आप ही सहारा हो। इसका मतलब यही होता है की हम उस बनाने वाले का शुक्र अदा करते हैं और माँगते है की आप सदा हमें अपनी शरण में रखो। इन्होने लगभग २५ आश्रम पंजाब, हरयाना और राजस्थान में बनवाये, जहाँ कोई चन्दा या किसी prakar की कोई vastu ली जाती है। यहाँ तो सीधी - sadhi जबान में राम का नाम सिखाया जाता है। तीन मुख्य रूप से siddhant दिए- प्रथम यह की नशा न करो , दूसरा यह की मांस अंडा न खाओ और तीसरा यह की सद्चरित्र वाले बनो। १९६० ईस्वी में इन्होने परम पिता शाह सतनाम जी को गद्दिनाशीं किया।